राजस्थान में पेट्रोल 108 रुपए के पार पहुंच चुका है। हर जगह इसका विरोध हो रहा है। पेट्रोल-डीजल दोनों को GST के दायरे में लाने की मांग की जा रही है। भास्कर ने पता किया तो टैक्स का खेल सामने आया। पेट्रोल का बेस प्राइस लगभग 38 रुपए है। वहीं, डीजल भी करीब 38 रुपए प्रतिलीटर ही बेस प्राइस का प्रोडक्ट है। भास्कर की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं।

पेट्रोल का बेस प्राइस 37.99 रुपए प्रति लीटर है। यानी अगर किसी तरह का टैक्स सरकार नहीं लगाए या कमीशन, सेस, वैट,एक्साइज़ ड्यूटी नहीं लगाई जाए तो यह कीमत करीब 38 रुपए प्रतिलीटर हो जाएगी। कीमतें कम कर जनता को राहत देने के लिए इसे GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है। इसके तीन स्लैब में अधिकतम 28% टैक्स है। बेस प्राइस 37.99 रुपए प्रति लीटर का 28% GST 10.63 होता है। GST सरकार के खाते में जाएगा। इसे जोड़ने पर 48.62 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल का मूल्य हुआ। इस मूल्य पर प्रति लीटर फिक्स्ड डीलर कमीशन 3.45 रुपए भी जोड़ लिए जाएं। फिर भी 52.07 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल आम जनता को उपलब्ध हो जाएगा।

ऐसे समझें डीजल का गणित
डीज़ल का बेस प्राइस 38.05 रुपए प्रति लीटर है। इसे भी 28% GST के दायरे में लाया जाता है तो 10.65 रुपए प्रति लीटर GST लगता। इसे जोड़ने पर डीज़ल का मूल्य 48.70 रुपए प्रति लीटर होता। अगर डीलर का 2.35 रुपए प्रति लीटर कमीशन भी जोड़ लिया जाए तो 51.05 रुपए प्रति लीटर में डीज़ल उपलब्ध हो जाएगा।

आम ग्राहकों को पेट्रोल-डीज़ल खरीद पर कितनी होगी बचत

  • पेट्रोल का वर्तमान मूल्य 108.80 रुपए प्रति लीटर
  • GST लागू करने पर पेट्रोल का मूल्य होगा- 52.07 रुपए प्रति लीटर
  • पेट्रोल पर कुल बचत- 56.73 रुपए प्रति लीटर

डीजल पर ये होगा फायदा

  • डीज़ल का वर्तमान मूल्य - 98.48 रुपए प्रति लीटर
  • GST लागू करने पर डीज़ल का मूल्य होगा- 51.05 रुपए प्रति लीटर
  • डीज़ल पर कुल बचत- 47.43 रुपए प्रति लीटर

एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन ऑफ राजस्थान के महासचिव कार्तिकेये गौड़ ने भास्कर को टैक्स का गणित बताया। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतें घटकर मौजूदा मूल्य के आधे से भी कम हो सकती हैं। यदि सरकार GST के दायरे में पेट्रोलियम को ले आए। इससे वन नेशन, वन टैक्स की अवधारणा भी धरातल पर उतर आएगी। देशभर के तमाम राज्यों में समान रूप से GST के आधार पर पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगेगा। जनता को महंगाई से भी बड़ी राहत मिलेगी। अब तक ऐसा इसलिए नहीं किया जा रहा है। जीएसटी में 28% सबसे अधिकतम स्लैब है, जबकि पेट्रोलियम पर केन्द्र सरकार 100 फीसदी से ज्यादा सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी वसूलती है। राज्य सरकार भी पेट्रोल पर बड़े स्तर पर स्टेट वैट लगा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स के बाद बेस प्राइस के मुकाबले ढाई से तीन गुणा ज्यादा कीमत हो जाती है।

केंद्र और राज्य दोनों को 14-14% टैक्स मिलेगा
इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया के क्षेत्रीय परिषद सदस्य CA सचिन कुमार जैन ने बताया कि आज GST की सबसे ज्यादा दर 28% है। इसमें 14% भार केंद्र सरकार को जाता है। 14% भार राज्य सरकार के पास आता है। एक स्टूडेंट पीयूष चौधरीने बताया कि अभी पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स से हमारा बहुत नुकसान हो रहा है। 100 से 150 रुपए का पेट्रोल भराते हैं जो एक दिन में ही खत्म हो जाता है। पहले कुछ दिन तो चलता था। GST लगा दो तो कुछ राहत जरूर मिल जाए। ट्रक चालक ने बताया कि मैं 40 रुपए लीटर का डीजल भरवाया करता था। अब 98 रुपए पर पहुंच गया है। राजस्थान में सबसे महंगा पड़ता है।

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