स्पेस इन दिनों चर्चा में है। वजह है वर्जिन के फाउंडर रिचर्ड ब्रैन्सन और अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस का स्पेस टूरिज्म। इस बीच अंतरिक्ष से जुड़ी एक और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। नासा ने कहा है कि 24 जुलाई को पृथ्वी के पास से एक उल्का पिंड गुजरेगा। जानिए, इस दिलचस्प घटना से जुड़ी जरूरी चीजें...
कौन सा उल्का पिंड है और किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है?
नासा ने इस उल्का पिंड का नाम '2008 GO20' है। ये एक अपोलो क्लास एस्टेरॉयड है। इसका आकार स्टेडियम जितना यानी ताज महल से करीब तीन गुना बड़ा है। ये पृथ्वी की तरफ 18 हजार मील प्रति घंटे यानी 8 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है।
धरती के कितने करीब से गुजरेगा एस्टेरॉयड?
नासा का कहना है कि 24 जुलाई को जब ये एस्टेरॉयड गुजरेगा तो पृथ्वी से इसकी दूरी 0.04 AU रहेगी यानी 37 लाख 18 हजार 232 मील। पृथ्वी से इसकी दूरी को ऐसे समझा जा सकता है कि चंद्रमा हमारी सतह से 2 लाख 38 हजार 606 मील दूर है। यानी ये चांद से भी बहुत ज्यादा दूरी से गुजरेगा।
क्या एस्टेरॉयड के टकराने का खतरा है?
नासा के मुताबिक तो नहीं। उसका कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है। किसी भी स्थिति में इस उल्का पिंड के 26 लाख 5 हजार 509 मील से ज्यादा करीब आने की आशंका नहीं है। हालांकि, इस स्थिति में भी नासा ने इसे NEO ऑब्जेक्ट यानी पृथ्वी के करीब का ऑब्जेक्ट कहा है। चीन ने प्रपोजल रखा है कि अगर इस उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने का खतरा बढ़ता है तो अंतरिक्ष में बड़े रॉकेट भेज दिए जाएं, ताकि इसका रास्ता बदल जाए।
क्या केवल यही एस्टेरॉयड है, या और भी हैं?
नासा के मुताबिक 24 जुलाई तक पृथ्वी के आसपास से 2021 NE, 2019 AT6, 2019 NB7 और 2014 BP43 जैसे एस्टोरॉयड भी गुजरेंगे, लेकिन किसी से भी कोई खतरा नहीं है।
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