राजस्थान में सियासी घमासान का शुक्रवार को 15वां दिन है। विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के आमने-सामने आने की खबर है।
मुख्यमंत्री ने आज सख्त लहजे में इसे लेकर नाराजगी जताई और कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए उन्होंने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया। अब हम सभी विधायकों के साथ राजभवन जाएंगे।
भास्कर के सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से राज्यपाल अभी विधानसभा सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने अभी इस बारे में आखिरी फैसला नहीं लिया है। गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमें उम्मीद थी कि रात को आदेश जारी कर देंगे।
अब तक इंतजार किया, लेकिन जवाब नहीं आया है। यह बात समझ से परे है, क्योंकि गवर्नर साहब को मानना ही पड़ता है। अनुरोध को रोकने का कोई कारण नहीं है। ऊपर से दवाब के चलते तो वे ऐसा नहीं कर रहे हैं?
गहलोत ने कहा- सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं
- मुख्यमंत्री ने कहा- राजस्थान में परंपरा नहीं रही है सरकार गिराने की। हमने टेलीफोन से भी राज्यपाल से बात की। हम सोमवार से सत्र बुलाना चाहते हैं। पूरा देश देखेगा। प्रदेश देखेगा कि किस तरह का दबाव पड़ रहा है। किन कारणों से सत्र नहीं बुला रहे हैं।
- मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे पास बहुमत है। हमारे कुछ लोगों को बीजेपी के लोगों ने बंधक बनाकर रखा है, वे हमारे साथी हैं। वे रो रहे हैं। टेलीफोन कर रहे हैं कि हमें यहां से छुड़ाओ।
- उन्होंने कहा- यह पूरा खेल। साजिश है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश के बाद वे राजस्थान में यही करना चाहते हैं। जनता हमारे साथ है। इनकम टैक्स, ईडी के सीबीआई के छापे डाले जा रहे हैं। ऐसे नंगा नाच कभी देखा नहीं है देश के अंदर। आप अंतरआत्मा के आधार पर फैसला करें, वरना राजभवन को घेरने के लिए अगर जनता आ गई, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
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