31 दिसंबर को जब दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी कर रही थी, तब ताइवान ने कोरोना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया

3 करोड़ से भी कम आबादी वाले ताइवान ने कभी टोटल लॉकडाउन नहीं किया, सिर्फ चीन से आने-जाने वाली उड़ानों पर ही रोक लगाई

कोरोना से निपटने आत्मनिर्भर बना ताइवान; ,सैनेटाइजेशन के लिए एल्कोहल का प्रोडक्शन 75% बढ़ाया, देश में ही पीपीई किट बनाई


चीन के जिस वुहान शहर से कोरोनावायरस निकला, वहां से महज 950 किमी दूरी पर ताइवान की राजधानी ताइपेइ है। जबकि, वुहान से करीब 12 हजार किमी से भी ज्यादा दूर है, अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर।

एक तरफ वुहान से इतनी दूर स्थित न्यूयॉर्क में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3.96 लाख से भी ज्यादा है। मौतों का आंकड़ा भी 30 हजार के ऊपर है। लेकिन, ताइवान में, सिर्फ 453 केस और 7 मौत।

खास बात ये भी है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए यहां टोटल लॉकडाउन नहीं लगाया गया था। सिर्फ स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर ही रोक लगाई गई थी। वो भी कुछ समय के लिए।



लेकिन, ये सब कैसे हुआ? तो इसका कारण है ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन। साई ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति हैं। साई मई 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बनीं और जनवरी 2020 में दूसरी बार। साई ने तुरंत फैसले लिए और कोरोना जैसी महामारी से निपट लिया।

दिसंबर के आखिर में वुहान के एक अस्पताल में डॉक्टर ली वेनलियांग ने सबसे पहले कोरोनावायरस के बारे में बताया। पर चीन की सरकार ने ली को नजरअंदाज किया और उन पर अफवाहें फैलाने का आरोप भी लगाया। बाद में ली की मौत भी कोरोना से हो गई।

उस समय ली की चैट के स्क्रीनशॉट भी वायरल हुए थे। जिसमें, उन्होंने निमोनिया की तरह एक नई बीमारी के बारे में आगाह किया था। जिस समय सारी दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी कर रही थी, उसी समय 31 दिसंबर की शाम को ताइवान के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने नई बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया।



ताइवान में 21 जनवरी को कोरोना का पहला मरीज मिला। इसके बाद ही यहां की सरकार ने वुहान जाने वाले लोगों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी। और लोगों से बिना जरूरत बाहर न घूमने की अपील की।

मामले बढ़ते देख सरकार ने 26 जनवरी को ही चीन से आने वाली और चीन जाने वाली सभी तरह की उड़ानों पर रोक लगा दी। साथ ही चीन से लौटने वाले हर शख्स के लिए क्वारैंटाइन गाइडलाइन जारी की।

मास्क की जरूरत को समझते हुए सरकार ने 24 जनवरी को ही मास्क के एक्सपोर्ट पर टेंपररी बैन लगा दिया। इस बैन को बाद में जून तक बढ़ा दिया गया। मास्क के एक्सपोर्ट पर बैन लगने और कोरोना के मामले बढ़ने के कारण लोगों में मास्क खरीदने की होड़ मच गई।



इससे बचने के लिए 3 फरवरी को सरकार ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू कर दिया। दरअसल, यहां लोगों के पास नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड होता है। इसी का इस्तेमाल हुआ। जिनका कार्ड ऑड नंबर का था, वो लोग सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मास्क खरीद सकते थे। और जिनका नंबर ईवन था, वो लोग मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को ही मास्क खरीद सकते थे। रविवार के दिन सभी को छूट थी।

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