जुलाई महीने में पानीपत के बिझौंल गांव में हुई तीन बच्चों की मौत मामले में गुरुवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण पानीपत लघु सचिवालय के बाहर धरने पर पहुंच गए।
 यहां उन्होंने जब जीटी रोड जाम कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। वाटर कैनन की मदद से लोगों को खदेड़ा गया। पुलिस अब जाम लगाने वालों पर कार्रवाई कर रही है।
बीती 7 जुलाई को गायब हुए तीन बच्चों के शव 8 जुलाई को नहर में मिले थे। इसके बाद से परिजनों ने हत्या का आरोप एक डाई हाउस के मैनेजर पर लगाया था। उस मामले में अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
गुरुवार सुबह 11 बजे ग्रामीण बड़ी संख्या में पानीपत लघु सचिवालय के बाहर आ गए। वे प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए, इसके बाद उन्होंने जाम लगा दिया। जीटी रोड जाम हो गया तो पानीपत में वाहनों की कतारें लग गई। आनन-फानन में पुलिस हरकत में आई। सबसे पहले ट्रैफिक का रूट डायवर्ट कर वाहनों को निकाला गया।
इसके बाद देखते ही देखते बड़ी संख्या में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। दमकल की गाड़ी को बुलाया गया। पुलिस ने पहले ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
वैटर कैनन चलाई गई। जैसे ही वाटर कैनन चली भीड़ इधर-उधर भागने लगी। भीड़ के पीछे पुलिसकर्मी भी दौड़े और लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
पुलिस का कहना है कि रोड खाली करवाने की बात पर ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया गया। पुलिस ने ग्रामीणों की गाड़ियों को कब्जे में ले लिया है। पुलिस का ये भी कहना है कि पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
 
पानीपत के बिंझौल गांव का 10 वर्षीय वंश, 9 वर्षीय वरुण और 8 वर्षीय लक्ष्य 7 जुलाई को गांव से पतंग के लिए डोर लेने एक डाई हाउस में गए थे। आरोप है कि जब वह पतंग के लिए डोर खोज रहे थे तो डाई हाउस के मैनेजर ने उनको देख लिया। फिर उसने बच्चों की हत्या कर दी और डाई हाउस के पीछे बहने वाली माइनर में फेंक दिया। 8 जुलाई को तीनों के शव माइनर में मिले थे।

Post a Comment

Previous Post Next Post