मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 100 किलोमीटर दूर चंदेल जिले में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के 3 जवान शहीद हो गए। 5 जवानों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि ये उग्रवादी एक लोकल ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के थे।
भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवादी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इस दौरान जवान उग्रवादियों की ओर से लगाई गई आईईडी की चपेट में आ गए। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने जवानों पर गोलियां बरसा दीं। हमले के बाद सेना उग्रवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसके साथ ही भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी भी बढ़ा दी गई है।
पिछले साल भी इस इलाके में जवानों पर हमला हुआ था
उग्रवादियों ने नवंबर 2019 में भी चंदेल जिले के पास ही असम राइफल्स के कैंप पर हमला किया था। कैंप पर बम फेंके गए थे। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी। बाद में उग्रवादी भाग निकले थे। इस हमले में सेना का कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ था।
आजादी के बाद से असम राइफल्स के 750 जवान शहीद हुए
आजादी के बाद से उग्रवादियों के साथ लड़ाई में असम राइफल्स के 750 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं। माना जाता है कि उग्रवादी संगठनों को चीन से हथियार और आर्थिक मिलती है। इनके जरिए चीन को उत्तर-पूर्व में अपना नेटवर्क बनाए रखने में मदद मिलती है।
आजादी के बाद से उग्रवादियों के साथ लड़ाई में असम राइफल्स के 750 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं। माना जाता है कि उग्रवादी संगठनों को चीन से हथियार और आर्थिक मिलती है। इनके जरिए चीन को उत्तर-पूर्व में अपना नेटवर्क बनाए रखने में मदद मिलती है।
2020 की शुरुआत में एनआईए ने चार्जशीट दायर की थी
2020 की शुरुआत में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी। 15 नवंबर 2017 में पीएलए और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने चंदेल जिले में असम राइफल्स की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था। इसमें एक जवान शहीद हुआ था, जबकि दो उग्रवादी मारे गए थे।
2020 की शुरुआत में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी। 15 नवंबर 2017 में पीएलए और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने चंदेल जिले में असम राइफल्स की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था। इसमें एक जवान शहीद हुआ था, जबकि दो उग्रवादी मारे गए थे।
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