धौलपुर में बेहद शर्मनाक और दुखद घटना सामने आई है। बसेड़ी थाना इलाके में रविवार रात दो युवकों ने तमंचा दिखाकर 14 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म किया। बच्ची ने आहत होकर कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी।

 उधर, परिजनों ने भागते हुए एक आरोपी को दबोच लिया। फिर उसके हाथ-पैर बांधकर जमकर पिटाई की और उसे पेड़ पर उल्टा लटकाकर भी पीटा। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बाद में परिजनों ने उसे पुलिस को सौंप दिया। परिजनों ने गांव खटियाने का पुरा निवासी बंटी उर्फ मनोज और हरिकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हरिकेश की तलाश जारी है।

दर्द से चीखती बच्ची ने कहा, इन दोनों ने मेरे साथ दुष्कर्म किया है, सदमा झेल नहीं पाई और फांसी लगाकर जान दे दी

पुलिस अधीक्षक केसरसिह शेखावत ने बसेड़ी पहुंचकर घटना की जांच की और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। बसेड़ी पुलिस थाने में मृतक नाबालिग के पिता ने बताया- रविवार रात करीब 12 से 1 के बीच उनकी 14 साल की बेटी के कमरे से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आईं। इससे परिवार के बाकी लोग भी जाग गए। हमने कमरे का दरवाजा खोला तो बंटी और हरिकेश हथियार के साथ बाहर भागने लगे।

कमरे में देखा कि नाबालिग बेटी काफी नाजुक स्थिति में पड़ी हुई थी। उसने बताया कि दोनों आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। इसके बाद परिजनों ने दौड़कर बंटी को दबोच लिया। जबकि, हरिकेश अंधेरा होने के कारण फरार हो गया। जब तक वे घर लौटे, तब तक नाबालिग ने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। गुस्साए परिजनों ने आरोपी के हाथ-पैर बांधकर जमकर मारपीट की। फिर उसके दोनों पैर बांधकर उल्टा लटकाकर पेड़ से बांध दिया।

भास्कर विचार

दरिंदों पर गुस्सा जायज है पर तरीका क्या हो?

धाैलपुर में हंसती-खेलती नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदों ने जो किया वो सबसे घिनौना और शर्मनाक गुनाह है। इन्हें कानून की किताबों में दर्ज अधिकतम सजा फांसी भी दे दी जाए तो कम है। परिजनों का आक्रोश भी पूरी तरह जायज है। मगर इस गुस्से को जाहिर करने का सही तरीका क्या हो? इस पर परिजनाें और समाज को सोचना चाहिए।

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