माता-पिता के कानूनी झगड़े के कारण 4 साल से अपने छाेटे भाई से दूर रह रही बहन अपने भाई काे राखी बांधने के लिए थाने तक पहुंचकर गुहार लगाई लेकिन भाई का दिल नहीं पसीजा और उसने राखी नहीं बंधवाई।


 दरअसल दक्षिणी सुंदरवास निवासी बहन ने एएसपी गाेपाल स्वरूप मेवाड़ा से गुजारिश की थी कि वे उसके सूरजपाेल निवासी भाई काे समझाए कि वह उससे राखी बंधवा ले।
बहन के परिवाद पर एएसपी मेवाड़ा ने भाई काे समझाने के लिए सूरजपाेल थाने बुलाया। यहां थानेदार पुष्पेंद्र सिंह ने बहन के सामने भाई काे डेढ़ घंटे तक समझाया लेकिन उसने बस यही कहा कि बहन मां की तरफ और पिता के खिलाफ है। बहन ने कहा कि झगड़ा माता-पिता के बीच में है, तू मेरा भाई है, राखी ताे बंधवा ले। वह भाई से मिन्नतें करती रही लेकिन वह नहीं माना। भाई ने भी राखी नहीं बंधवाने का थाने परिवाद दिया और लाैट आया।
शाम काे घर जाकर थानेदार और कांस्टेबल ने बंधवाई राखी

भाई द्वारा रखी बंधवाने से मना करने के बाद शाम काे थानेदार पुष्पेंद्र सिंह, कांस्टेबल प्रमोद और शिवलाल शाम को उसके घर पहुंचे। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने कहा कि हम आपसे राखी बंधवाने आए हैं तो बहन खुशी से झूम उठी। इसके बाद तीनों पुलिसकर्मियों के किशोरी ने राखी बांधी और पुलिसकर्मियों ने मिठाई खिलाकर रक्षा का वचन दिया।

कोर्ट में विचाराधीन है माता-पिता का केस
थाना पुलिस के अनुसार पांच साल पहले महिला ने पति पर दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया था जाे कि काेर्ट में विचाराधीन है। इधर, पति ने भी तलाक की अर्जी दी हुई है। पांच साल से मां के साथ बेटी और पिता के साथ बेटा रह रहा है। एएसपी गाेपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि किशाेरी ने परिवाद में सिर्फ यह कहा कि मैं अपने भाई काे राखी बांधना चाहती हूं। भाई पापा के साथ रहता है और मुझसे नहीं मिलने देते। थाना पुलिस ने समझाइश की लेकिन भाई नहीं माना।

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