साल पहले समुदाय विशेष के लड़के से हुए बाल विवाह के बाद 14 वर्षीय लड़की गर्भवती हो गई। मामला थाना फर्कपुर के अंतर्गत एक गांव का है। अब ससुराल से तंग होकर किशोरी अपनी मां के साथ कोर्ट पहुंची। उन्होंने ससुराल पक्ष के खिलाफ याचिका दायर की थी, दर्द से कहराता देख कोर्ट ने किशोरी को काउंसिलिंग के लिए सीडब्ल्यूसी के हैंडऑवर कर दिया। सीडब्ल्यूसी टीम किशोरी को वन स्टॉप सेंटर लाई, जहां कोरोना पॉजिटिव केस आने पर किशोरी को ईएसआई अस्पताल में भर्ती किया है।

सीडब्ल्यूसी सदस्य एडवोकेट नीरा जैन ने बताया कि कोर्ट से रीडर का फोन आने पर टीम ने किशोरी को रेस्क्यू किया। किशोरी की उम्र 15 वर्ष पता चली। जांच में 7 माह की गर्भवती है। किशोरी की मां से पता चला कि पिता नहीं हैं। आर्थिक परेशानी के चलते मां ने किशोरी का एक साल पहले गांव के ही समुदाय विशेष के लड़के से निकाह किया था। ससुराल में किशोरी से मारपीट व गाली-गलौज के आरोप हैं। प्रोटेक्शन ऑफिसर अरविंदर जीत कौर ने कहा कि जल्द लड़की के बयान लेकर चाइल्ड मैरिज एक्ट व पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
अम्बाला प्रोटेक्शन ऑफिसर के पास से वापस यमुनानगर रेफर हुआ केस
नीरा जैन ने बताया कि किशोरी व मां ससुराल पक्ष के खिलाफ कोर्ट में गए, तब उन्हें अम्बाला प्रोटेक्शन ऑफिसर का नंबर मिला जहां फोन करने पर अम्बाला की टीम रेस्क्यू कर ले गई, लेकिन बाद में यह मामला यमुनानगर का पता लगने पर उन्हें वापस भेजा गया। इसके बाद कोर्ट से उन्हें किशोरी को सौंपा गया है। काउंसलिंग पूरी होने पर उसे उसकी मां को सौंप दिया जाएगा। यह शादी मान्य नहीं होगी, जिसमें तैयार रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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