नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को दावा किया कि अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि बीरगंज में स्थित एक छोटा सा गांव है। साथ ही भगवान राम को नेपाली बताया। इस बयान के बाद ओली अपने ही देश में घिरते दिख रहे हैं। 

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने ट्वीट किया, ‘‘आदि-कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए।’’


ओली के पूर्व मीडिया सलाहकार और प्रोफेसर कुंदन आर्यल ने ट्वीट किया- ओली ने ये क्या कह दिया? क्या वे भारत के न्यूज चैनल से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार अमित ढकाल ने तंज कसते हुए कहा- श्रीलंका का द्वीप नेपाल के कोशी में है। इसके पास ही हनुमान नगर भी है, जिसका निर्माण वानर सेना ने पुल बनाने के समय किया होगा।

नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने ट्वीट किया- किसी भी प्रधानमंत्री को इस तरह का आधारहीन और अप्रमाणित बयान नहीं देना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि ओली भारत और नेपाल के संबंध और खराब करना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए।
भारत में भी खिंचाई
ओली के इस बयान पर अयोध्या के संत नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि नेपाली पीएम ने चीन के दबाव में ऐसा बयान दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में सरयू नदी के किनारे हुआ था। हां, यह सही है कि सीता जी नेपाल की थीं, लेकिन यह दावा करना कि भगवान राम नेपाली हैं, यह बिल्कुल गलत है।

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