राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। कांग्रेस के दोनों खेमे विधायकों की खींचतान में जुटे हैं। भाजपा कांग्रेस की इस लड़ाई को अभी दूर से देख रही है।

 राजस्थान में सत्ता पलट में भाजपा की रणनीति को प्रदेश के नेताओं के बजाय उसके केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल रखा है। भाजपा ने अपने प्रदेश स्तर के नेताओं को इस पूरे प्रकरण में अभी तक इस अंदेशे से दूर रखा है कि कहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा की तरह कांग्रेस में भी गुटबाजी न शुरू हो जाए।
राजस्थान के नेता इस पूरे सियासी ड्रामे से दूर
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और गजेन्द्र सिंह शेखावत इस पूरे मामले से दूर नजर आ रहे हैं। हालांकि, भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार ये दोनों नेता अपने स्तर से गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। लेकिन, प्रदेश की राजनीति में आए तूफान का सूत्रधार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही है।

 गहलोत समर्थक नेताओं के घर आयकर के छापे के बाद यह साफ है भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पहले पायलट की मदद कर गहलोत सरकार गिराना चाहते हैं।
इसके बाद पार्टी क्या करेगी, इस बारे में भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सक्रिय तो अवश्य हुए है, लेकिन चर्चा में आए बगैर।

 पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि किसी एक का नाम आगे किया जाए। राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि वसुंधरा राजे इस पूरे मामले में अभी दूर से तमाशा देख रही हैं। शेखावत दिल्ली में मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि वसुंधरा राजे जयपुर में। लेकिन पूरे मामले की बागडोर राष्ट्रीय नेतृत्व ने ही संभाल रखी है। इसमें वसुंधरा राजे या अन्य किसी नेता की भूमिका नहीं है।
भाजपा को इसलिए भी खटक रही राजस्थान की कांग्रेस सरकार
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से ही भाजपा नेतृत्व की आंखों में किरकिरी बने हुए हैं। राजनीतिक दांव-पेच के माहिर खिलाड़ी गहलोत आसानी से भाजपा के काबू में नहीं आते हैं। ऐसे में भाजपा ने कमजोर कड़ी पायलट से संपर्क साध उन्हें आगे किया।

 कांग्रेस पार्टी का सारा दारोमदार गहलोत की फंडिंग पर निर्भर है। ऐसे में यदि गहलोत सरकार गिरती है तो उसका सीधा प्रभाव कांग्रेस पर पड़ेगा। इस साल दो राज्यों में चुनाव होने है। उससे पहले कांग्रेस को कमजोर करने का भाजपा के पास सुनहरा अवसर है।

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