प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही चुनावी वादे अनुसार गहलोत सरकार ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा तो कर दी लेकिन आज तक उस पर सही रुप से अमल नहीं हो पाया है।

 जहां एक ओर आवेदन करने के दाे महीने बाद ही गत वर्ष जून में कुछ नए नियम थाेपकर बेराेजगारी भत्ता देने के अपने वादे से पीछे हट चुकी है।
 इस वर्ष भी भत्ता देने में लगातार अनियमितता चल रही इसका अंदाजा इससे लग सकता है कि कोरोना काल होने के बावजूद भी बीते 3 महींने से भत्ता नहीं मिल पाया है।
जिनको मिला है वो रजिस्टर्ड बेरोजगारों का मात्र 10 प्रतिशत हिस्सा ही है। इस संबंध में जिला रोजगार अधिकारी मधुसूदन जोशी ने बताया कि जो भी पंजीकृत होते हैं उनकी लिस्ट पोर्टल पर जिंदगी भर रहती है। 

नियमानुसार जो पात्र हैं उनको मिल रहा है। वर्तमान में करीब 12 हजार आवेदक वेरिफाइड किए हुए हैं, किसी पंजीकृत युवा के भत्ता लेने के दो साल पूरे होने या जो ओवरऐज होगा तो उनके हटते इनका नंबर आ जाएगा।
इधर, पंजीकृत बेरोजगारों को 3 माह से बेरोजगारी भत्ते का इंतजार
जिला रोजगार कार्यालय में बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए जिले भर के 66 हजार 108 युवा पंजीकृत हैं इनमें 48617 पुरुष और 17497 महिला अभ्यर्थी हैं। गत मई माह में मार्च महीने तक 7645 जनों काे बेरोजगारी भत्ता मिला है। इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से जून तक का भत्ता अब भी बकाया है।

नियमानुसार कोई भी बेरोजगार युवा अधिकतम 2 साल तक बेरोजगारी भत्ता ले सकता है। भत्ता भी सिर्फ स्नातक या स्नातकोत्तर को ही मिल पा रहा है। इसी में भी प्रदेश सरकार की 1 लाख 60 हजार युवाओं को ही बेरोजगारी भत्ता देने की लिमिट आड़े आ रही है।

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