स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन- राज्य और जिलों की सीमाएं सख्ती से सील की जाएं, लोगों की आवाजाही पर रोक लगाएं
लॉकडाउन के चलते पलायन कर रहे लोगों को घर भेजने से पहले 14 दिन क्वारैंटाइन किया जाए- स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना संक्रमण के कुल 1050 मामले सामने आ चुके हैं। ये आंकड़ा covid19india.org वेबसाइट के अनुसार है। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 979 है। इनमें से 86 ठीक हो गए हैं,
जबकि 25 की मौत हो चुकी है। संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच दिहाड़ी मजदूर और ऐसे ही कामगार हजारों की तादाद में मुंबई, जयपुर, सूरत जैसी जगहों से अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लव अग्रवाल ने कहा- बीते 24 घंटे में 6 मौतें हुई। देश में अब तक 25 लोगों की कोरोना से जान गई है। हम विदेशों से भी मास्क और वेंटिलेटर की सप्लाई ले रहे हैं।
इसके अलावा अस्पतालों में हेल्थ फैसिलिटी को अपग्रेड किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आयुष मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा कर टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने पर बल दिया है।
कोरोना के खिलाफ पूरे देश में युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। रेलवे खाने-पीने और जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए काम कर रहा है।
सरकार ने लॉकडाउन के दौरान हाईवे और शहर के अंदर लोगों की आवाजाही रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। कोरोना मरीजों की मौत और उनकी बीमारियों पर अग्रवाल ने कहा कि मरने वाले कुछ लोगों को पहले से डायबिटीज, किडनी और ब्लडप्रेशर से जुड़ी समस्याएं थीं।
लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा- हम लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने के लिए 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।
मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी राज्य की बॉर्डर या हाईवे पर लोगों की आवाजाही न हो। अगर आदेश के क्रियान्वयन में चूक हुई, तो उसके लिए जिले के डीएम और एसएसपी जिम्मेदार होंगे।
राज्यों से कहा गया है कि राज्य आपदा कोष से बॉर्डर पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने और 14 दिन के क्वारैंटाइन का इंतजाम किया जाए।
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