वैज्ञानिकों के मुताबिक- जब 30% मामलों में संक्रमण का स्रोत पता न चले, तब आता है तीसरा चरण

1-देश में लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या से संक्रमण के तीसरे चरण को लेकर आशंका बढ़ रही है
  • 2-सरकार का दावा है कि तीसरा चरण न आए, इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं
  • देश में कोरोनावायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स इस महामारी की तीसरी स्टेज आने की आशंका जताने लगी हैं। हालांकि, सरकार इससे इनकार कर रही है। 
  • सरकार का दावा है कि तीसरी स्टेज न आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जब 30% मामलों में संक्रमण का सोर्स पता ना चले, तब महामारी की तीसरी स्टेज मानी जाती है।
  • देश में बीमारी के चार चरण, देखिए कैसे बढ़ता जाता है असर
  • पहली स्टेज : विदेश से आए लोग वायरस लाते हैं : पहले चरण में वायरस विदेश यात्रा कर लौटे लोगों या विदेश से आए लोगों से उस देश में आता है, जहां वह वायरस पहले से नहीं है। 
  • दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए कोरोना वायरस देने वाला देश चीन रहा है। हालांकि भारत के मामले में ऐसा माना जा रहा है कि यहां सबसे पहले वायरस लाने वाले इटली से आए कुछ पर्यटक थे, जो बाद में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए।

  • दूसरी स्टेज : जब वायरस स्थानीय स्तर पर फैलता है : जो लोग देश के बाहर नहीं गए थे और ट्रैवल हिस्ट्री वाले संक्रमित लोगों के संपर्क में आ गए, उन्हें भी संक्रमण हो जाता है।
तीसरी स्टेज : वायरस का समुदाय स्तर पर फैलना : विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की स्थिति तब आती है, जब बड़ी संख्या में वायरस के कंफर्म मामलों के बारे में यह पता न किया जा सके कि वायरस कहां से या किससे फैल रहा हैं। किसी व्यक्ति में यह संक्रमण कहां से आया। 
यानी वायरस के स्रोत का पता नहीं चलता और यह लोगों में फैलता जाता है।
चौथी स्टेज : जब देश के लिए भी बीमारी महामारी बन जाए : हर महमारी में एक चौथी स्टेज होती है। यह तब आती है जब ये वैश्विक महामारी, किसी देश के लिए भी महामारी बन जाती है।
 चीन में यही हुआ, जब बड़ी संख्या में, तेजी से लोग संक्रमित होने लगे और मरने लगे। इस स्थिति में बीमारी का स्पष्ट अंत नजर नहीं आता है। 
इस स्टेज की बीमारी साल में कई बार उभर सकती है। उदाहरण के लिए मलेरिया और डेंगू भारत में महामारियां हैं।

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