बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण व हत्या के मामले के आरोपी व पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को फोर्थ स्टेज का मुंह का कैंसर है। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने बुधवार को मुंबई के अपोलो अस्पताल या वहीं के दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए एक महीने की पुलिस कस्टडी में जमानत मंजूर की है।
मदेरणा को 18 अक्टूबर को जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक के समक्ष उपस्थिति देनी है।
याचिकाकर्ता मदेरणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी व प्रदीप चौधरी ने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ता मुंह के कैंसर की चौथी स्टेज से जूझ रहे हैं। उन्हें उच्च चिकित्सा केंद्र से उचित इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए। इस पर कोर्ट ने गत 8 सितंबर को उन्हें जांच के लिए जयपुर जाने की अनुमति दी थी।
याचिकाकर्ता ने 10 सितंबर को भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल में तथा 12 सितंबर को एसएमएस अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई। अस्पताल की जांच रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता की बीमारी चौथे स्टेज में पहुंच गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने मुंबई के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए जमानत देने का आग्रह किया।
सीबीआई के विशिष्ट लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातडी ने जमानत का विरोध किया, लेकिन पुलिस कस्टडी में भेजने पर कड़ी आपत्ति नहीं जताई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर करते हुए जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक जोधपुर (ग्रामीण) को याचिकाकर्ता को मुंबई के अपोलो अस्पताल या वहीं के अन्य अस्पताल में इलाज के लिए जाने की अनुमति देने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता को 18 सितंबर को एक महीने के लिए पुलिस कस्टडी (एक कांस्टेबल) में भेजा जाएगा तथा पुलिस कांस्टेबल का खर्च याचिकाकर्ता ही वहन करेगा। याचिकाकर्ता अपने एक परिजन व कांस्टेबल के साथ हवाई यात्रा की अंडरटेकिंग देगा। याचिकाकर्ता 18 अक्टूबर को जोधपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक के समक्ष उपस्थिति देगा। अगर उसे हॉस्पिटल से 18 अक्टृबर से पहले डिस्चार्ज किया जाता है तो वह इससे पहले ही जोधपुर सेंट्रल जेल में अपनी रिपोर्ट देगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले एससी-एसटी कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया था, लेकिन अधीनस्थ कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई।
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