कांग्रेस का मानसरोवर से बड़ी चौपड़ के बीच चलने वाली 13 किमी मेट्रो प्रोजेक्ट तो दस साल में पूरा हो गया, लेकिन सीतापुरा से अम्बाबाड़ी के बीच 23 किमी का सैकंड फेज अभी अधर में है। यह स्थिति तो तब है जब सैकंड फेज की डीपीआर 11 साल में चाैथी बार रिवाइज हो चुकी है।

 चौथी डीपीआर दिल्ली मेट्रो ने लॉकडाउन से पहले जयपुर मेट्रो को सौंपी है। इससे पहले 10 साल में तीन बार डीपीआर रिवाइज्ड हो चुकी है।

पहली बार वर्ष 2010 में दिल्ली मेट्राे ने तैयार की थी। वर्ष 2014 में रिवाइज की गई। सरकार बीजेपी की आई ताे तीन साल तक डीपीआर पर ध्यान नहीं दिया। तीसरी बार चीन की कंपनी काे 6 कराेड़ में डीपीआर तैयार करने का टेंडर दिया गया।

कंपनी पूरी डीपीआर तैयार किए बिना ही भाग गई। अब कांग्रेस सरकार चाैथी पर दिल्ली मेट्राे से डीपीअार तैयार कराई है। सीएम अशोक गहलोत बुधवार को उदघाटन के दौरान नए फेज को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है।

अब लागत 10 हजार करोड़ से 4 हजार 500 हुई

10 किमी अंडरग्राउंड और 13 किमी एलीवेटेड की जगह पूरी एलीवेटेड मेट्रो है। स्टेशन अब छोटे होंगे और लेवल में भी कमी गई है। मेट्राे स्टेशन सिंगल लेवल के होंगे। कॉनकार्स लेवल खत्म कर दिया गया है। यात्रियों के उतरने-चढ़ने के लिए एस्कलेटर नहीं हाेकर सीढ़ियां और लिफ्ट ही हाेगी। स्टेशन पूरे 20 एलीवेटेड हाेंगे।

नई डीपीआर में ये स्टेशन नहीं हाेंगे
रूट बदलने के बाद अब कलेक्ट्रेट सर्किल, अजमेरी गेट और एयरपोर्ट पर मेट्राे स्टेशन नहीं हाेगा। इनके स्थान पर अहिंसा सर्किल या चाैमू सर्किल मेट्राे स्टेशन हाे सकते हैं।

सैकंड फेज बनने के बाद सफर हाे जाएगा 35 किमी का
मेट्राे के सैकंड फेज तैयार हाेने के बाद शहर में मेट्राे सफर 35 किमी का हाे जाएगा। इसमें 23.77 किमी ताे सीतापुरा से अंबाबाड़ी का सबसे बड़ा रूट हाेगा। इससे यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी से मेट्रो का भी लाभ होगा और यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी।

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