पाली सिरियारी थाना इलाके के चौकड़िया-धवड़ी ढाणी में मंगलवार देर शाम को मवेशियों के बाड़े में लाइट ऑन करते वक्त शाॅर्ट-सर्किट से करंट फैल गया। बाड़े के चारों तरफ लोहे के जालीनुमा गेट व टीन शेड होने से वहां पर खेल रहे तीन मासूम भाई-बहन चपेट में आकर चिपक गए।

इससे तीनों की मौत हो गई। घटना से पूरे गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही बिजली काे बंद कर तीनों को राजसमंद के देवगढ़ के सरकारी अस्पताल में ले गए। वहां पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के अनुसार धवड़ी ढाणी में रहने वाले कुंदनसिंह रावत राजपूत ने अपने मकान के समीप ही बकरियों व अन्य मवेशियों को रखने के लिए बाड़ा बना रखा है। ट्रैक्टर खड़ा रखने के लिए भी लोहे के टीन शेड के नीचे पार्किंग भी बना हुआ है। वहां पर एक बल्ब के लिए ही बिजली का कनेक्शन कर रखा था।

बिजली के तार संभवतया: किसी चूहे या अन्य जानवर के काट देने से वहां से बिजली का तार हल्का का कट गया था। शाम के वक्त कुंदनसिंह के तीनों बच्चे वर्षा (9), विकास (7), वीरेंद्र (5) वहां पर खेल रहे थे। इस दौरान शाम करीब 6.30 बजे हल्का अंधेरा होने पर बल्ब को ऑन करने का प्रयास किया।

इससे पूरे बाड़े में करंट फैल गया, जिससे उक्त तीनों मासूम करंट की चपेट में आकर चिपक गए। इससे तीनों की मौत हो गई। मृतक के चाचा समेत अन्य लोगों को घटना की जानकारी होने पर वे मौके पर पहुंचे तथा बिजली काे बंद करवाकर तीनों बच्चों को देवगढ़ अस्पताल ले गए, जहां डाॅक्टराें ने तीनों काे मृत घोषित कर दिया। सिरियारी थाना प्रभारी सुरेश सारण ने बताया कि तीनों बच्चो का पोस्टमार्टम बुधवार सुबह कराया जाएगा। मृतक के पिता कुंदनसिंह रावत के बेंगलुरु में होने पर उसे सूचना देकर बुलाया गया है।

पिता बेंगलुरु में करता है काम, घटना के समय मां घर पर ही थी, बेसुध हुई

बताया जाता है कि मृत तीनों मासूमों का पिता कुंदनसिंह काफी समय से बेंगलुरु में ही काम करता है। घर पर उसके दो बेटे, एक बेटी तथा पत्नी ही रहती है। घटना के वक्त मृतकों की मां अपने घर में ही थी। वहीं तीनों बच्चे पास में ही बने हुए मवेशियों के बाड़े में खेल रहे थे।

बाड़े के चारों तरफ लोहे के जालीनुमा गेट व लोहे के ही टीनशेड लगा रखे हैं। इससे बिजली का करंट पूरे बाड़े में फैल गया। तीनों को करंट से चिपकने के बाद वहां से छूटने का मौका ही नहीं मिला तथा तीनों की करंट से झुलस जाने से मौत हो गई।

तीनों बच्चों की हंसी गूंजती थी, अब वहां रुंदन-क्रंदन
कोरोना के कारण बच्चों की स्कूल की छुट्टियां होने के कारण वे अधिकतर वक्त घर या बाड़े में ही खेलते थे। इस कारण से कुंदनसिंह का घर आबाद रहता था। अब पूरे गांव में मातम पसरने के साथ ही घर में रूदन तथा क्रंदन सुनाई दे रहा है। कुंदनसिंह के परिवार में यह तीनों ही संतानें थी, तीनों की मौत होने के बाद पूरा गांव उसके घर के आगे ही बैठा है। परिवार के सदस्यों को उनके लिए संभालना भी भारी पड़ रहा।

विधायक खुशवीरसिंह भी देवगढ़ पहुंचे, सांत्वना दी, वाहन की व्यवस्था करवाई
मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह जोजावर देवगढ़ पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। साथ ही शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद उनको वापस गांव तक अंतिम संस्कार के लिए भेजने तक वाहन की व्यवस्था कराई। इसके बाद वे गांव में घटनास्थल पर भी पहुंचे। उनके साथ रावत राजपूत समाज के नेता राजेंद्रसिंह फुलाद, बाबूसिंह तथा रणजीत मालवीय भी थे।




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