मध्य प्रदेश के सतना से करीब 45 किलोमीटर दूर सिंहपुर थाने के अंदर चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए युवक की गोली लगने से मौत हो गई। गोली टीआई की सर्विस रिवॉल्वर से चली है। घटना के बाद सोमवार सुबह उग्र भीड़ ने थाना घेर लिया और हाइवे को जाम कर दिया। हालात इस कदर बिगड़े कि भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। मामले में सतना एसपी रियाज इकबाल ने थाना प्रभारी एसआई विक्रम पाठक और आरक्षक आशीष मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है। बाद में सरकार ने एसपी इकबाल को हटाने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ युवक के परिजन को 10 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया। मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। मरने वाले युवक का नाम राजपति कुशवाह बताया गया।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रविवार रात में युवक को लॉकअप में गोली मार दी गई और अब परिजन को शव भी नहीं दे रहे हैं। ये कैसी कानून व्यवस्था है। परिजन ने पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगाया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दूसरे थाने से पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा।
एसपी बोले- टेबल पर रिवॉल्वर रखी थी, छीनने की कोशिश में गोली चली
एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि चोरी के मामले में राजपति को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। थाना प्रभारी और आरक्षक पूछताछ कर रहे थे। टेबल पर सर्विस रिवॉल्वर रखी थी। राजपति ने इसे छीनने की कोशिश की, इसी दौरान गोली चल गई। यह गोली युवक के सिर में लगी। इसके बाद पुलिस ने बिरला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन हालत गंभीर होने पर रीवा रेफर कर दिया गया। वहां पर उसकी मौत हो गई।
पुलिसवालों का मेडिकल कराया गया, न्यायिक जांच होगी
एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मामले की न्यायिक जांच होगी। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। राजपति और उसे हिरासत में लेकर आने वाले पुलिसवालों के हाथ की जांच कराई है, ताकि यह पता चल सके कि किसके हाथ से गोली चली है। आरोप सामने आया कि पुलिसकर्मी नशे में थे, उनका भी मेडिकल कराया है। थाना प्रभारी और आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। दूसरे थाना प्रभारी को यहां प्रभार दिया है। जांच होने तक घटनास्थल यानी थाने को सील कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित कर दिए गए हैं। अब पोस्टमॉर्टम जांच कर रहे जज साहब के सामने होगा। इसमें पुलिस सीधे एफआईआर नहीं कर सकती है। अब जांच अधिकारी जज साहब के लिखित एप्लीकेशन के बाद ही केस दर्ज किया जाएगा।
दो महीने पहले चोरी हुई थी, संदेह के तौर पर थाने लाए थे
एसपी ने बताया कि दो महीने पहले एक चोरी की वारदात हुई थी, जिसमें एक रायफल और सोने-चांदी के जेवर चोरी हुए थे। इसमें राजपति का नाम संदेह के तौर पर था, इसलिए एक आरक्षक रविवार शाम को राजपति को लेकर आया था।
पुलिसवाले रात 9 बजे मामा को लेकर आ गए थे
धीरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि राजपति उनके मामा थे। वे राजमिस्त्री का काम करते थे। पुलिसवाले रात 9 बजे मामा को लेकर थाने आ गए थे। हम लोगों को अंदर नहीं जाने दे रहे थे। बोले- बैठो, बाद में बात होगी। साहब आ रहे हैं बाहर... बात करा देंगे। पुलिसवालों ने ही हत्या की है। हम लोग खाना लेकर आए थे। दो महीना पहले पूर्व सरपंच के घर पर चोरी हुई थी। थाने में पहले गेट खुला था। बाद में बंद कर दिया गया। लाइट भी बंद कर दी गई।
मैंने कहा- चाचा को छुड़ाने आए हैं तो बोले- चले जाओ
भतीजे ओंकार कुशवाहा ने बताया कि मैं थाने गया था तो मेरे साथ मारपीट की गई। मुझसे पूछा कि कहां के रहने वाले हो। मैंने अपना पता बताया कि नारायणपुर का हूं। यह भी पूछा कि यहां क्यों आए। मैंने बोला कि चाचा को छुड़वाने आया हूं तो बोले कि तुम चले जाओ। इसके बाद वे अंदर गए और गोली मार दी। इसकी आवाज आई थी।
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