जिलें में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने स्वयं सहायता समूहों को सप्लाई की जाने वाले पोषाहार के बिलों के लाखों रूपए के भुगतान करने की एवज में तीन लाख रूपए की रिश्वत मांगने के प्रकरण में दो और युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
उनकी निशानदेही पर एसीबी टीम ने रिश्वत में एक अधिकारी द्वारा ली गई 50 हजार रूपए की रकम को बरामद कर लिया है। इस मामले में रिश्वत मांगने के जुर्म में दो सरकारी कर्मचारी पहले ही गिरफ्तार हो चुके है। अब मुख्य आराेपी प्रदीप कुमार गिलोटिया हाल सीडीपीओ बानसूर फरार चल रहा है। एसीबी द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए युवकों पर फरार प्रदीप कुमार से मिलीभगत कर उसके द्वारा प्राप्त रिश्वत की रकम को खुर्द बुर्द करने और साक्ष्य नष्ट करने का आरोप है।
यह है पूरा मामला
एसीबी अलवर के उपाधीक्षक महेंद्र मीणा ने बताया कि बानसूर तहसील के गांव हाजीपुर में रहने वाले रामनिवास यादव ने 29 जुलाई को एक परिवाद दर्ज करवाया था।
जिसमें बताया कि बानसूर सीडीपीओ प्रदीप कुमार गिलोटिया, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद मीणा व वरिष्ठ सहायक मनोहरलाल हाल पदस्थापित बाल विकास परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, बानसूर द्वारा अक्षिता स्वयं सहायता समूहों सहित अन्य संबंधित एनजीओ के पोषाहार सप्लाई के फरवरी 2020 से अप्रेल 2020 तक की राशि 6.60 लाख रूपए और वर्ष 2018 की रकम करीब 5 लाख रूपए सहित इन समूहों के बिल माह अगस्त 2019 से जनवरी 2020 तक पारित रकम 12.87 लाख रूपए का 20 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 2.33 लाख रूपए की रिश्वत की मांग की जा रही है।
तब एसीबी ने 29 जुलाई को शिकायत का सत्यापन करवाया। जिसमें परिवादी रामनिवास से बातचीत में सीडीपीओ प्रदीप कुमार ने कहा कि कैलाशचंद्र व मनोहरलाल को रूपए देने की जरुरत नहीं है। वह सिर्फ उसे ही 3 लाख रूपए की रिश्वत दे दे। इसी तरह, अन्य दोनों आरोपियों ने रामनिवास को सीडीपीओ प्रदीप कुमार को रिश्वत देने से इंकार करते हुए अपने लिए डेढ़-डेढ़ लाख रूपए की रिश्वत मांगी। ऐसे में रिश्वत की रकम की व्यवस्था नहीं होने से 30 जुलाई को एसीबी ने ट्रेप रचा और परिवादी रामनिवास यादव को 50 हजार रूपए लेकर सीडीपीओ प्रदीप कुमार के पास भेजा।
सीडीपीओ रिश्वत की रकम लेकर हुआ फरार, अन्य दोनों कर्मचारी गिरफ्तार
एसीबी के अनुसार आरोपी प्रदीप कुमार ने चालाकी बरतते हुए रामनिवास को अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाया और बानसूर कस्बे तक ले गया। जहां किसी जगह रिश्वत की रकम 50 हजार रूपए वसूल कर ली और रामनिवास को गाड़ी से उतारकर फरार हो गया। लेकिन एसीबी टीम ने सीडीपीओ प्रदीप कुमार की गाड़ी को पीछा कर जब्त कर लिया।
उस गाड़ी में रखे 97500 रूपए की रकम बरामद कर ली। इसके बाद एसीबी ने परिवादी रामनिवास की शिकायत और कॉल सर्विलांस में रिकार्ड बातचीत के आधार पर अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद मीणा व वरिष्ठ सहायक मनोहरलाल को गिरफ्तार कर लिया। ये डेढ़ डेढ़ लाख रूपए की रिश्वत मांग रहे थे।
सीडीपीओ की रिश्वत की रकम को खुर्द बुर्द करने वाले दो आरोपी भी गिरफ्तार
डिप्टी एसपी महेंद्र मीणा के मुताबिक पूछताछ में सामने आया कि प्रदीप कुमार गिलोटिया फरार होते वक्त प्राप्त रिश्वत की रकम को 30 जुलाई को अपने परिचित अशोक सैनी को देकर गया था। अशोक सैनी इस रकम को खुर्द बुर्द करने के इरादे से 2 अगस्त को अपने परिचित सुबेसिंह गुर्जर के घर पहुंचा। तब पीछा कर रही एसीबी टीम ने अशोक सैनी को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में फरार प्रदीप गिलोटिया से प्राप्त रिश्वत की रकम को आपसी मिलीभगत से साक्ष्यों को नष्ट करना बताया।
डिप्टी एसपी महेंद्र मीणा के मुताबिक पूछताछ में सामने आया कि प्रदीप कुमार गिलोटिया फरार होते वक्त प्राप्त रिश्वत की रकम को 30 जुलाई को अपने परिचित अशोक सैनी को देकर गया था। अशोक सैनी इस रकम को खुर्द बुर्द करने के इरादे से 2 अगस्त को अपने परिचित सुबेसिंह गुर्जर के घर पहुंचा। तब पीछा कर रही एसीबी टीम ने अशोक सैनी को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में फरार प्रदीप गिलोटिया से प्राप्त रिश्वत की रकम को आपसी मिलीभगत से साक्ष्यों को नष्ट करना बताया।
अशोक सैनी ने यह भी बताया कि प्रदीप ने जिस अखबार में रकम लपेटकर दी थी।
उस अखबार को अशोक ने नष्ट कर दिया। इसके अलावा नोट भी धो दिए। ताकि उन पर लगा पाऊडर उतर जाए। उसने अपने साथी मुकेश कुमार के घर इन रूपयों को रखवाया। तब अखबार भी बदल दिया। वहीं, रिश्वत में दिए गया अखबार के टुकड़े और नोटों को पानी की मटकी में डलवा दिया। जिन्हें एसीबी टीम ने अशोक सैनी व मुकेश सैनी की निशानदेही पर बरामद कर लिया।
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