दाे पहिया वाहन चालाकों ने यदि अब गैर ब्रांडेड हैलमेट पहना ताे खैर नहीं। लाेकल हेलमेट पहनकर वाहन चलाने वालाें पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाने की तैयारी है। 

दुपहिया वाहन सवाराें के लिए सिर्फ ब्रांडेड हेलमेट पहनने, उत्पादन और बिक्री सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए नए कानून काे लेकर अधिसूचना जारी की गई है। इसमें लाेकल हेलमेट उत्पादन पर दाे लाख रुपए तक जुर्माना व जेल का प्रावधान किया गया है। आने वाले 30 दिनाें में यह नया कानून लागू हाे जाएगा। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक सवाराें काे सुनिश्चित हेलमेट मुहैया करवाने के लिए पहली बार इसे भारतीय मानक ब्यूराे (बीएसआई) की सूची में शामिल किया है।

अब 1.5 किलाे का नहीं 1.2 किलाे का हाेगा हेलमेट
जिला परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक - मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में हितधारकाें से आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। इसके 30 दिनाें बाद यह नया कानून लागू हाे जाएगा। इसके तहत निर्माता कंपनियाें काे हेलमेट काे बाजार मे बिक्री से पहले बीएसआई से प्रमाणित करना अनिवार्य हाेगा। अब बैगर हेलमेट के साथ हेलमेट की गुणवत्ता यानि क्वालिटी पर भी चालान हाेगा। नए मानक में हेलमेट का वजन 1.5 किलाे से घटाकर 1.2 1 किलाे 200 ग्राम कर दिया गया है। मालूम हाे कि लाेकल हेलमेट औैर बगैर हेलमेट के कारण दुपहिया वाहनाें के हादसाें में सर्वाधिक जानें जाती हैं।



घटिया क्वालिटी का हेलमेट होता है जानलेवा, हादसों का प्रमुख कारण 
दुपहिया वाहनाें के हादसाें में सर्वाधिक माैतें या ताे बिना हेलमेट के या फिर घटिया क्वालिटी के हेलमेट के कारण हाेती हैं। हेलमेट की क्वालिटी और वजन काे लेकर नई अधिसूचना जारी की गई है। नए कानून के तहत बिना बीएसआई मार्का के हेलमेट लगाने वालाें पर जुर्माने की तैयारी है। अब हेलमेट के नए मानकाें में वजन काे डेढ़ किलाे से घटाकर 1.2 किलाे किया गया है। अधिसूचना में हितधारकाें से आपत्ति औैर सुझाव मांगे गए हैं। इसके 30 दिनाें बाद यह नया कानून लागू हाे जाएगा। -राजीव शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी

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