भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) चीनी कंपनी वीवो के साथ बगैर फायदे के करार तोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा है। बोर्ड अधिकारी ने कहा कि हमें फायदा होगा, तभी कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने पर विचार करेंगे और यह फैसला आईपीएल की अगली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में होगा।
फिलहाल, मीटिंग की तारीख तय नहीं है। मोबाइल कंपनी वीवो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल स्पॉन्सर है, जो बोर्ड को कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर हर साल 440 करोड़ रुपए देती है। आईपीएल का कंपनी से 5 साल का करार 2022 में खत्म होगा।
इस साल 29 मार्च से होने वाले आईपीएल को कोरोनावायरस के कारण बीसीसीआई पहले ही अनिश्चितकाल के लिए टाल चुका है। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि टूर्नामेंट को लेकर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
इसी दौरान वीवो के साथ करार को लेकर रिव्यू भी किया जाएगा। हालांकि, यह मीटिंग कब होगी यह अभी तय नहीं है।
टी-20 वर्ल्ड कप और एशिया कप पर सस्पेंस, आईपीएल कैसे हो?
मीटिंग में शामिल होने वाले एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘‘इस साल टी-20 वर्ल्ड कप और एशिया कप होंगा या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है। ऐसे में आईपीएल को लेकर बैठक कैसे की जा सकती है? हां, हमें अभी स्पॉन्सरशिप को लेकर रिव्यू जरूर करना है, लेकिन अब तक करार तोड़ने या टालने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।’’
हाल ही में भारत सरकार ने चीन से विवाद के बाद सुरक्षा के कारण टिक टॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा कहना है कि स्पॉन्सरशइप पर अभी रिव्यू करना बाकी है। रिव्यू का मतलब, कॉन्ट्रैक्ट को लेकर सभी नियमों के हिसाब से ही फैसला किया जाएगा। यदि करार तोड़ने का फैसला वीवो के फेवर में होगा, तो हम हर साल 440 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला क्यों करेंगे। हम करार तोड़ने का फैसला तभी करेंगे, तब सबकुछ हमारे ही पक्ष में हो।’’
