ओयो फाउंडर रितेश अग्रवाल बोले- कोरोना ने जिंदगी का सबसे बुरा दिन दिखाया, किसी दुश्मन के साथ भी ऐसा न हो


 19 साल की उम्र में कारोबार शुरू किया और 26 साल की उम्र में ग्लोबल आइकन बन गए। हम बात कर रहे हैं ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल की। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2020 के मुताबिक, वे विश्व के दूसरे सबसे युवा सेल्फ मेड बिलिनेयर हैं। रितेश कॉलेज ड्रॉपआउट हैं।


1 लाख डॉलर की (करीब 76 लाख रुपए) पीटर थाइल फेलोशिप मिलने के बाद 2013 में उन्होंने ओयो की शुरुआत की थी। कोविड-19 और मंदी के बीच ओयो का कारोबार कैसा चल रहा है? और ओयो आगे क्या रणनीति अपनाएगी? इस पर दैनिक भास्कर ने रितेश अग्रवाल से बात की।

ओयो का बिजनेस क्या है? इसकी शुरुआत के समय आपके दिमाग में क्या विचार थे?

हमने देखा दुनियाभर में हजारों छोटे-छोटे होटल्स लंबे समय से हैं। समस्याएं कई थीं। कीमत ऐसी होती है, जहां पर कंज्यूमर को बजट में सर्विस नहीं मिल पाती है और यदि सर्विस है तो सेवाएं काफी खराब होती हैं। हमारे देश में भी ऐसे कई होटल्स हैं। 

 

ओयो का बिजनेस क्या है? इसकी शुरुआत के समय आपके दिमाग में क्या विचार थे?

हमने देखा दुनियाभर में हजारों छोटे-छोटे होटल्स लंबे समय से हैं। समस्याएं कई थीं। कीमत ऐसी होती है, जहां पर कंज्यूमर को बजट में सर्विस नहीं मिल पाती है और यदि सर्विस है तो सेवाएं काफी खराब होती हैं। हमारे देश में भी ऐसे कई होटल्स हैं। इसी को लेकर हमने ओयो को बनाया, जिससे छोटे-छोटे होटल हमारे साथ जुड़ें, उनको ज्यादा काम लाकर दे सकें। हमने होटल बुकिंग को एकदम आसान बना दिया, अगर आप ओयो की ऐप देखेंगे तो सिर्फ दो बटन दबाने से आपकी होटल बुक हो जाती है।

कोविड-19 से ग्राहकों के बचाव के लिए ओयो ने क्या तैयारी की है?

कंज्यूमर्स का सेफ्टी व सुरक्षा के लिए हमने 'सैनिटाइज्ड स्टे' की पहल शुरू की है। दुनियाभर में हमने फिर चाहे वह अमेरिका हो, चीन हो, ब्राजील हो, मैक्सिको हो या यूरोप हर जगह हमने 'सैनिटाइज्ड स्टे' को लेकर काम किया है। इसमें हमने कई प्वाइंट पर काम किया है...
सुरक्षा योजना पर काम कर रहे हैं, ताकि कंज्यूमर का ओयो पर ट्रस्ट बना रहे।

होटल के अंदर एंट्री करने पर बैग सैनिटाइज होते हैं।

होटल के बाहर सिक्योरिटी गार्ड द्वारा तापमान जांचना अनिवार्य।



सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए सर्कल बनाए गए हैं।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है।

एलिवेटर का बटन और रूम डोर लाॅक को हर दो घंटे में सैनिटाइज किया जा रहा है।

बेडरूम के अंदर टचेबल प्लेस पर छोटे-छोटे स्टीकर्स लगाए जा रहे हैं, जो कि यह सुनिश्चित करता है कि इसे सैनिटाइज किया जा चुका है।

कैंसिलेशन प्रोसेस को फ्लेक्सिबल किया जा रहा है। ताकि बुकिंग से पहले कंज्यूमर को होटल व रूम के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

होटलों में कई बार ग्राहकों को बुरे अनुभव से गुजरना पड़ता है। इसको सुधारने के लिए ओयो क्या कर रही है?


ग्राहकों को परेशानी से बचाने के लिए पार्टनर्स को लगातार ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा भी कदम उठाए जाते हैं। कंज्यूमर को चेक-इन के समय बुरे अनुभव से न गुजरना पड़े इसके लिए कदम उठाए हैं। पहला, कस्टमर को जिस होटल में दो बार से ज्यादा बुरा अनुभव से गुजरना पड़ा है, उसे हम अपने लिस्ट से हटा देंगे। वापस लिस्ट में शामिल होने के लिए होटल को कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
कंज्यूमर को एप पर एक नई सुविधा मिलने वाली है। चेक-इन एक्पीरियंस कोड को शामिल किया जा रहा है। इसमें वे देख पाएंगे कि पिछले छह माह में होटल का हिस्ट्री कैसा रहा है। हम 400-450 शहरों में ही काम करेंगे, लेकिन क्वालिटी के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं।


Previous Post Next Post