उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने शनिवार को 10वीं और 12वीं के परिणाम जारी कर दिए गए।
हाईस्कूल में 83.31% और इंटरमीडिएट में 74.63% छात्र पास हुए हैं। हाईस्कूल में 81.96% अंक लाकर बागपत की रिया जैन ने यूपी टॉप किया है। वहीं, इंटरमीडिएट में बागपत के ही छात्र अनुराग मलिक ने 97% अंक पाकर प्रदेश में टॉप किया है।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रिजल्ट जारी करते हुए बताया कि कोरोना संकट के बावजूद 2 करोड़ 82 लाख उत्तर पुस्तिका को 21 दिनों में चेक किया गया है। वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ऐलान किया है कि यूपी बोर्ड के टॉप-20 छात्रों के घर की सड़क को उनके नाम पर किया जाएगा।
हाईस्कूल में 7 प्रतिशत तो इंटरमीडिएट में 13% ज्यादा पास हुई लड़कियां
हाईस्कूल में कुल 30,24,480 छात्र पंजीकृत थे जिसमें से 27,972,656 ने परीक्षा दी थी। इनमें 23,09,802 छात्र पास हुए हैं। पास होने वालों में 11,90,888 लड़के और 11,18,914 लड़कियां हैं।
इस तरह लड़कों का पास प्रतिशत 79.88 और लड़कियों का पास प्रतिशत 87.29 है। यानी 7.41% लड़कियां ज्यादा पास हुई हैं
इंटरमीडिएट में 25,86,339 छात्र पंजीकृत थे, जिनमें 24,84,479 ने परीक्षा दी थी। इसमें से 74.63% यानी 18,54,099 छात्र पास हुए हैं। इनमें 95,92,23 लड़के और 89,48,76 लड़कियां हैं।
इस तरह 68.88% लड़के और 81.96% लड़कियां पास हुई हैं। लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों की तुलना में 13.08 प्रतिशत अधिक है।
यहां क्लिक कर देख सकते हैं अपनी परीक्षा का परिणाम
परिणामों को बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in और upmspresults.up.nic.in पर अपलोड कर दिया गया है। बोर्ड पहली मर्तबा डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र जारी कर रहा है।
यह डिजिटल अंकपत्र-प्रमाण पत्र छात्रों को परिणाम जारी होने के दो से तीन दिन के भीतर स्कूल के प्रधानाचार्य के माध्यम से मिल जाएगा। इंटरमीडिएट में एक विषय में फेल होने वाले परीक्षार्थी को पहली बार कंपार्टमेंट में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। अभी तक यह व्यवस्था हाईस्कूल के छात्रों के लिए थी।
इस बार तत्काल नहीं मिलेगा अंकपत्र और प्रमाणपत्र
अबकी बार बोर्ड की ओर से छात्रों को तत्काल अंकपत्र-प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाएंगे। बोर्ड की ओर से यह निर्णय कोरोना संकट को देखते हुए लिया गया है। इससे पहले बोर्ड की ओर से परिणाम जारी होने के बाद 15 दिन के भीतर अंकपत्र-प्रमाण पत्र स्कूलों को भेज दिए जाते थे।
स्कूलों से कहा गया है कि वह डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र-प्रमाण पत्र वेबसाइट से डाउनलोड करके छात्रों को वितरित करें। डिजिटल हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र प्रवेश लेने से लेकर नौकरी तक में मान्य होंगे।
बोर्ड परीक्षाएं 18 फरवरी से छह मार्च के बीच हुई थी। वहीं, पिछले साल 2019 में बोर्ड परीक्षाएं सात फरवरी से दो मार्च के बीच हुई थी। तब परीक्षा के 56 दिन बाद 27 अप्रैल को परिणाम जारी कर दिए गए थे।
लेकिन, इस बार कोरोना के चलते न सिर्फ बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन में देरी हुई, बल्कि परीक्षा परिणाम भी 112 दिन बाद आए। 16 मार्च से कॉपियों का मूल्यांकन होना था। लेकिन, कोरोना के चलते यह काम पांच मई से शुरू हो पाया था।
