उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में विभाजित 19 महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन की धज्जियां शनिवार को सरयू तट पर उस समय उड़ी जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु ग्रहण के बाद वहां स्नान और दान करने पहुंच गए।
पुलिस प्रशासन इतनी भीड़ के उमड़ने पर उन्हें रोका नहीं पाया। लोग बिना पूछे लगाए गए व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए बिना स्नान और अनुष्ठान करते रहे। प्रशासन ने सरयू स्नान में एक साथ पांच-पांच लोगों के स्नान के लिए केवल अनुमति दे रखी है।
अब प्रशासन के हाथ-पांव कावड़ यात्रा को रोकने के बारे में फूल रहे हैं। शनिवार को उमड़ी भीड़ ने प्रशासन को खोजने सिग्नल दे दिया है। अब पुलिस प्रशासन सावन की कांवड़ यात्रा न करके भगवान शिव की आराधना घर पर ही करने की अपील धर्मगुरुओं से जारी करवा रहा है।
शनिवार को अयोध्या के धर्म गुरुओं ने रामनवमी की तरह अब भगवान शिव की पूजा-अर्चना अपने घरों में करने की कोशिश की है। आमजन को कोरोना महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए भी प्रेरित किया है।
संतों ने लोगों से किया कावड यात्रा न निकालने का आग्रह
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजूदास ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए जिस तरह रामनवमी, जेठ के बड़े मंगल पर्व पर प्रशासन का साथ दिया।
अपने घरों के लिए ही भगवान का पूजन अर्चन किया। ठीक उसी प्रकार कोरोना महामारी को देखते हुए सभी लोग घर में ही भगवान शिव की पूजा अर्चना करें।
वहीं, रामगढ़ ट्रस्ट व नागेश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्किरामदास ने कहा कि अपने घरों में भगवान सदाशिव का ध्यान करें।
अयोध्या के कांवड़ संघ के अध्यक्ष रोहिताश चंद राजू, हैदरगंज के कांवड़ संघ के अध्यक्ष राकेश गुप्त व राम बल्लभाकुंज अयोध्या के महन्त राजकुमार दास ने भी शिव भक्तों से भवड़ यात्रा न निकालकर अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा करने की अपील की। केवल अपील लगभग एक दर्जन मठ मंदिरों के संतों ने भी की है