सोनोरा नाम की एक बेटी की जिद से जुड़ा है इस दिन का संबंध
पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है - पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है - यूं तो पिता को शब्दों में बयां करना मुश्किल है लेकिन हिंदी में माता-पिता पर सबसे अच्छी कविताएं लिखने वाले कवि पंडित ओम व्यास ओम की कविता की ये हैं दो पंक्तियां काफी कुछ कहती हैं।
आज बुकिंग में तीन खास दिन मनाए जा रहे हैं योगा डे, म्यूजिक डे और फडर्स-डे। इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि दुनिया में पहले फादर्स डे अमेरिका से मना था। यहां के पश्चिम वर्जीनिया के फेयरम फ़ॉन्ट शहर में 5 जुलाई 1908 में यह दिन मनाया गया था।
इसके पीछे दो किस्से हैं जिन पर आगे चलकर इतिहासकारों में इसे मनाने को लेकर भी मतभेद हैं। लेकिन, सोनोरा डॉड नाम की लड़की की जिद भरी कोशिशों से 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति केल्विन कोली ने देश में फादर्स डे मनाने पर अपनी सहमति दी।
इसके बाद 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की।
फादर्स डे शुरू होने को लेकर 2 किस्से
1. केक खदान की दुर्घटना से जुड़ी फादर्स डे मनाने की कहानी भी बहुत खास है। 6 दिसंबर 1907 में मोनोगाह में कोयले की खान में एक भयंकर दुर्घटना हुई थी, जिसमें कुल 362 लोग मारे गए थे। मृतक पिताओं के सम्मान में गोल्डन क्लेटन नाम के व्यक्ति ने एक विशेष स्मृति दिवस का आयोजन किया। इसके बाद से ही 1908 से हर साल इस दिन को फादर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा।
2. सोनेरा डॉड से जुड़े किस्सा, कुछ इतिहासकार का कहना है कि इसे 1908 में पहली बार मनाया गया था। हालाँकि, यह आधिकारिक तौर पर नहीं है। कुछ इतिहासकार इसकी आधिकारिक शुरुआत 19 जून 1910 से मानते हैं। इसकी शुरुआत सोनेरा डॉड नाम की लड़की ने अपने पिता के सम्मान में की थी।
सोनोरा, जब 16 साल की थी तब उसकी मां उसे और उसके 5 छोटे सैनिकों को छोड़कर चली गई थी। इसके बाद पूरे घर और बच्चों की जिम्मेदारी सोनोरा के पिता पर आ गई थी। उस समय सोनेरा डॉड के पिता विलियम जैकसल स्मार्ट ने उनकी परवरिश की। सिविल वॉर के सिपाही रहे विलियम स्मार्ट ने सोनोरा डॉड को मां की कमी कभी खकिंग नहीं दी।
3. पहले अमेरिका और फिर जानना इन दिनों फैला था। सोनोरा ने 1909 में मांओं के सम्मान में मनाए जाने वाले मदर्स डे के बारे में सुना। उसे लगा कि जब माँ के लिए कोई दिन हो सकता है तो पिता के लिए भी ऐसा होना चाहिए। सोनोरा ने इसके लिए कैंपेन शुरू किया और एक याचिका दायर की। इसमें सोनोरा ने लिखा था कि, उसके पिता का जन्मदिन 5 जून को आता है और अपने बच्चों के लिए उनके अभिमान के सम्मान में वह चाहती है कि जून में ही फादर्स डे मनाया जाए।
उस समय सोनोरा के इस कैंपेन को एक छोटी लड़की के दिमाग का फितूर समझकर किसी ने साथ नहीं दिया। लेकिन, सोनारा ने भी फादर्स डे मनाने की ठान ली थी। इसके लिए उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं से बात की और कृष्णन कैंपेन किया।
सोनोरा के प्रयासों से ही आगे चलकर जून के महीने में फादर्स डे मनाने को अमेरिका में कानूनी मान्यता मिली और इस दिन बदलने के लिए घोषित भी किया गया। इसके बाद फादर्स डे का ट्रेंड यूरोप होता हुआ दुनिया के बाकी देशों में पहुंच गया।