केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को लॉकडाउन 5 का ऐलान नहीं किया। इसकी बजाय अनलॉक-1 का ऐलान किया। इसमें 1 जून से बड़ी राहत यह मिलने जा रही है कि अब लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकेंगे। अपने राज्य के अंदर भी आवाजाही कर सकेंगे।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। जरूरी होने पर जनता को बताकर वो इन्हें लागू कर सकेंगे। मुख्य मुद्दा लोगों की आवाजाही और सामान की डिलिवरी से जुड़ा है।
जानते हैं अनलॉक 1 में हालात कैसे बदलेंगे..
1. लोगों का मूवमेंट
अब तक ये हो रहा था : एक राज्य में एक जिले से दूसरे जिले तक लोगों और सामान की आवाजाही पर कुछ प्रतिबंध थे। लोगों को आवाजाही के लिए ई-पास जारी लेना होता था। इसमें उन्हें सफर की वजह बतानी होती थी। मेडिकल कंडीशन से जुड़ी स्थिति हो तो उसके दस्तावेज बताने होते थे।
अब ये होगा: नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब राज्य के अंदर और दूसरे राज्यों में आवाजाही पर बंदिश नहीं रहेगी। गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि आवाजाही के लिए अलग से किसी मंजूरी या परमिट की जरूरत नहीं होगी।
2. कर्फ्यू
अब तक ये हो रहा था:शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक लोग किसी तरह की आवाजाही नहीं कर सकते थे। जरूरी सेवाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं था। स्थानीय प्रशासन को इस बारे में जरूरी आदेश जारी करने का अधिकार था।
अब तक ये हो रहा था:शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक लोग किसी तरह की आवाजाही नहीं कर सकते थे। जरूरी सेवाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं था। स्थानीय प्रशासन को इस बारे में जरूरी आदेश जारी करने का अधिकार था।
अब ये होगा: रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी। इस पर सख्ती से पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों को लागू कर सकेंगे।
3. कंटेनमेंट जोन
अब तक ये हो रहा था : शुरुआत में कंटेनमेंट जोन के बाहर भी कुछ गतिविधियों पर रोक थी।
अब ये होगा : अब इन्हें सिलसिलेवार तरीके से खोला जाएगा।
लेकिन, ये ध्यान रखना होगा
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अगर किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को यह लगता है कि हालात को देखते हुए आवाजाही में ढील को जनहित में नियंत्रित किए जाने की जरूरत है तो वो इसके लिए नियम बना सकता है। लेकिन, किसी भी नियम को लागू करने से पहले लोगों तक इसे पहुंचाना (पब्लिसिटी) करना जरूरी होगा। इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन भी जरूरी होगा।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अगर किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को यह लगता है कि हालात को देखते हुए आवाजाही में ढील को जनहित में नियंत्रित किए जाने की जरूरत है तो वो इसके लिए नियम बना सकता है। लेकिन, किसी भी नियम को लागू करने से पहले लोगों तक इसे पहुंचाना (पब्लिसिटी) करना जरूरी होगा। इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन भी जरूरी होगा।
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