- गांव के लोगों और लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी दे रहे पुलिस तक दूध भी पहुंचा रहीं
- ट्रेडर्स कम रेट पर सब्जी खरीदना चाहते थे, इसलिए सब्जियों को मुफ्त में बांटने का फैसला किया
कोरोना वायरस के दौरान मदद के लिए लोगों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में पैसे डोनेट करते देख छायारानी साहू के मन में भी ऐसा ही कुछ करने का विचार आया, जिसके बाद उन्होंने अपने खेत में उगने वाली सब्जियों को डोनेट करने का फैसला किया।
उड़ीसा के भद्रक की रहने वाली 57 वर्षीय छायारानी साहू बताती है कि वह एक किसान है और उनके पास इतना पैसा नहीं कि वह रिलीफ फंड में दान दे सके। ऐसे में उन्होंने लोगों की मदद तो की, लेकिन रिलीफ फंड में पैसे दान करके नहीं, बल्कि लोगों के घरों तक फ्री में सब्जी पहुंचा कर।
ट्रेडर्स को कम रेट पर बेचने की जगह मुफ्त में बांटने का फैसला किया
चार बच्चों की मां छायारानी पिछले 20 सालों से अपने 7 एकड़ के खेत में सब्जियां उगा रही हैं, इसके अलावा वह डेयरी फार्मिंग करते हुए 20 गायों को भी संभालती है। इसमें उनके पति सर्वेश्वर साहू उनकी मदद करते है, जो एक मिल्क सोसायटी भी चलाते हैं। वह बताती है कि हर साल उनका परिवार सब्जी की खेती से 3 लाख से भी ज्यादा कमाता है, लेकिन इस बार वह सिर्फ 50,000 तक का सामान ही बेच पाए। दरअसल लॉकडाउन के कारण लोकल मार्केट में सब्जियों की मांग कम होने की वजह से ट्रेडर्स कम रेट पर सब्जी खरीदना चाहते थे। ऐसे में छायारानी ने सब्जियों को गरीबों को मुफ्त में बांटने का फैसला किया।
ड्यूटी पर तैनात पुलिस तक पहुंचा रहीं दूध
छाया रानी सब्जियों के अलावा दूध का भी वितरण कर रही है। लोकल डेयरी सोसाइटी बंद होने की वजह से वह गांव के लोगों और लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी दे रहे पुलिस तक दूध पहुंचा रही हैं। इसके लिए वह वॉलिंटियर्स के ग्रुप के साथ काम कर रही हैं। वह एक वैन में सब्जियों के पैकेट रखकर घूमती है और गांव वालों के दरवाजे पर रख देती हैं। इस पैकेट में बैंगन, भिंडी, टमाटर, हरी मिर्च, प्याज, ककड़ी और कद्दू के टुकड़ा होता है।
15 गांव में 50 क्विंटल सब्जियां बांट चुकी
वह कहती है कि ऐसा करना मुझे खुशी देता है, क्योंकि लोग मेरे काम की तारीफ करते हुए मेरे बच्चों को दुआ देते हैं। अपनी 7 एकड़ की जमीन में उगने वाली सब्जियों को छाया रानी उन लोगों को बांटती है, जो लॉक डाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस क्रम में वह अब तक 15 गांव में 50 क्विंटल सब्जियां बांट चुकी है और इसी तरह लॉकडाउन के बचे हुए दिनों में भी सब्जी वितरित करती रहेंगी।
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