स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके मुताबिक, बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षणों वाले मरीज खुद को घर में ही आइसोलेट कर सकते हैं। अभी तक यह नियम था कि सभी मरीजों को उनकी हालत के आधार पर कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता था।
होम आइसोलेशन की 6 शर्तें
1. वेरी माइल्ड कैटेगरी में होने के साथ ही मरीज के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन और परिवार के सदस्यों को क्वारैंटाइन करने की सुविधा होनी चाहिए।
2. मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए कोई व्यक्ति होना चाहिए। मरीज जब तक आइसोलेशन में रहे, तब तक उसकी देखभाल करने वाले और अस्पताल के बीच संपर्क का जरिया होना चाहिए।
3. देखभाल करने वाले और मरीज के करीबी संपर्क वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेनी होगी।
4. आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। इसे ब्लूटूथ और वाई-फाई के जरिए हर वक्त एक्टिव रखना जरूरी होगा।
5. मरीज को अपने स्वास्थ्य के बारे में डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर को नियमित जानकारी देनी होगी।
6. मरीज को गाइडलाइंस फॉलो करने की अंडरटेकिंग देनी होगी।
गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत संपर्क करना होगा
मरीज या उसकी देखभाल करने वाले को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना पड़ेगा। अगर सांस लेने में दिक्कत, लगातार दर्द या छाती में दबाव, मानसिक दबाव या उठने में परेशानी, चेहरे या होठों पर नीलापन या फिर डॉक्टर ने जो बताए हैं वे गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत बताना चाहिए।
होम आइसोलेशन कब खत्म कर सकते हैं?
अगर लक्षण दिखने बंद हो गए हैं, टेस्ट के बाद मेडिकल ऑफिसर ने संक्रमण खत्म होना सर्टिफाइ कर दिया है तो मरीज आइसोलेशन खत्म कर सकता है।
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