राजस्थान के डूंगरपुर में टीचर भर्ती में अनारक्षित पदों को आरक्षित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे जाम कर दिया। गाड़ियां और पेट्रोल पंप फूंके, सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिए। सिसोद से मोतलीमोड़ के बीच पांच किलोमीटर के एरिया पर 24 घंटे से प्रदर्शनकारियों का कब्जा है।
भीड़ ने एक ट्रक कब्जे में ले लिया और उसमें बैठकर पुलिस बल पर भी हमला किया। बातचीत करने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल को भी वापस लौटना पड़ा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट
सरकारी वाहन फूंके गए
गुरुवार को सैकड़ों लोगों के हाथ में पत्थर और लाठियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार को भीड़ ने पुलिस बल पर गुलेल से पत्थर फेंके। इसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए रबर की गोलियां चलाई गईं। सुबह पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़कर हाईवे पर फंसे वाहन निकलवाए थे। पर बाद में पुलिस को पीछे हटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। एसपी की गाड़ी समेत 3 सरकारी वाहन फूंक डाले। पत्थरबाजी में एएसपी, डीएसपी, थानेदार समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। जिसको लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था।
गुस्सा क्यों भड़का?
- कैंडिडेट 7 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बातचीत कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड महामारी के नियम तोड़ने और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसकाे लेकर कैंडिडेट का गुस्सा भड़क उठा।
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