बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल टैबलेट पर महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले राजस्थान सरकार ने भी इस पर रोक लगाई थी।

 महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

 ऐसे में महाराष्ट्र में दवा की बिक्री पर पाबंदी रहेगी। इससे पहले मंगलवार को डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा था कि जिसे विश्वास हो वही, इस दवा का सेवन करे।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को ट्विटर लिखा, ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के 'कोरोनिल' का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था?

 हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी।’

आयुष मंत्रालय ने भी विज्ञापन पर लगाई है रोक

पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना दवा पर आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने बुधवार को कहा कि यह अच्छी बात है कि योग गुरु बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है।

 नियम के अनुसार, दवा को पहले आयुष मंत्रालय में जांच के लिए देना होगा। दरअसल, रामदेव ने मंगलवार को कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था। कोरोनिल और श्वसारि नाम की दवा लॉन्च करते हुए रामदेव ने कहा था कि इनसे सिर्फ 7 दिन में मरीज 100% ठीक हो जाएंगे। सरकार ने दवा की लॉन्चिंग के पांच घंटे बाद विज्ञापन पर रोक लगा दी।

सरकार ने कहा- नहीं हुई है दवा की वैज्ञानिक जांच

सरकार ने कहा कि दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है। आयुष मंत्रालय ने दवा के लाइसेंस समेत दवा में इस्तेमाल सामग्री, दवा पर रिसर्च की जगहों, अस्पतालों, प्रोटोकॉल, सैंपल का आकार, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन और ट्रायल के परिणाम का डेटा मांगा।

 पतंजलि ने मंगलवार देर शाम आयुष मंत्रालय को 11 पन्ने का जवाब भेज दिया। उधर, उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट के लाइसेंस ऑफिसर ने बुधवार को कहा कि पतंजलि की एप्लीकेशन के अनुसार, हमने उन्हें लाइसेंस दिया था। इसमें उन्होंने कोरोनावायरस का का जिक्र नहीं किया।

 हमने उन्हें इम्युनिटी बूस्टर, खांसी और बुखार के लिए लाइसेंस की मंजूरी दी थी। हम उन्हें नोटिस जारी कर पूछेंगे कि उन्होंने कोविड-19 की किट के लिए मंजूरी कहां से ली है।


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